बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर 2020 के वैसे छात्रों को ग्रेस अंक दे कर पास कर दिया है, इसमें वे छात्र शामिल हैं जो एक या दो विषय मे फेल थे। इन छात्रों के लिए कंपार्टमेंटल परीक्षा आयोजित होने वाली थी लेकिन कोरोना के कारण परीक्षा टाल दी गई और छात्रों का साल बर्बाद न हो, इसलिए बिहार बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया। इंटर में कुल 72610 और मैट्रिक में कुल 141677 को पास किया गया है।
बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट में पास हुए थे 80.59 प्रतिशत स्टूडेंट्स
बिहार बोर्ड मैट्रिक 2020 रिजल्ट में कुल 80.59 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इनमें से 4,03,392 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में, 524217 सेकेंड डिवीजन से और 2,75,402 थर्ड डिवीजन से पास हुए हैं। परीक्षा में 96.20 फीसदी मार्क्स के साथ हिमांशु राज ने टॉप किया कुल 15 लाख 29 हजार 393 परीक्षार्थियों ने फार्म भरा था। इनमें सात लाख 83 हजार 034 छात्राएं और सात लाख 46 हजार 359 छात्र शामिल थे। वहीं, बिहार बोर्ड इंटर रिजल्ट की बात करें, तो 24 मार्च को जारी किए गए इंटरमीडिएट में 80.44 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा सफल रहे हैं। पिछले साल 79.76 प्रतिशत विद्यार्थी इंटरमीडिएट परीक्षा में बाजी मारी थी। इस तरह इस साल 0.68 प्रतिशत अधिक रिजल्ट रहा। इंटर परीक्षा में छात्राओं का एक बार फिर जलवा रहा। विज्ञान संकाय में नेहा कुमारी ने 476 अंक (95.2 फीसदी) लाकर सूबे में अव्वल रही। वहीं वाणिज्य संकाय में कौसर फातिमा और सुधांशु नारायण चौधरी 476 (95.2 फीसदी) अंक लाकर संयुक्त रूप से टॉपर बने। कला संकाय में साक्षी कुमारी ने 474 (94.80 फीसदी) अंक प्राप्त प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रथम श्रेणी में चार लाख 43 हजार 284, द्वितीय श्रेणी में चार लाख 69 हजार 439 और तृतीय श्रेणी में 56 हजार 115 विद्यार्थी सफल हुए।
Bihar Board Cancelled Compartment Exam 2020 This Year: बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए इस साल कंपार्टमेंट परीक्षा न कराने की बात कही है. ऐसा कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर किया जा रहा है. इस साल बीएसईबी दसवीं और बारहवीं दोनों कक्षाओं की कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं करेगा. इसके स्थान पर दोनों ही कक्षाओं के स्टूडेंट्स को एक या दो अंक ग्रेस मार्क्स के रूप में देकर पास कर दिया जाएगा. बोर्ड का यह कदम एकदम निराला है, ऐसा फैसला अभी तक किसी ने नहीं लिया. अब देखना यह होगा कि क्या कोई दूसरा स्टेट बोर्ड भी बिहार बोर्ड के नक्शे-कदम पर चलेगा. इस प्रकार दसवीं और बारहवीं के मिलाकर कुल 340633 फेल स्टूडेंट्स में से, जो एक या अधिकतम दो विषयों में फेल हुए थे, 214287 यानी दो लाख से ऊपर स्टूडेंट्स को पास कर दिया गया है.
कोरोना के कारण हुआ फैसला –
कोरोना के कारण इस साल यह फैसला लिया गया है. दरअसल बिहार में कोरोना से हालात बदतर हो गए हैं. ऐसे में परीक्षाएं कराना बिलकुल भी सुरक्षित नहीं था. बोर्ड के इस प्रपोजल को डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन ने मान लिया. हालांकि कितने ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है लेकिन बोर्ड के इस निर्णय से बहुत से स्टूडेंट्स ने राहत की सांस ली है जो परीक्षा आयोजित होने से कोरोना के कारण डर रहे थे. बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने कहा कि, वे स्टूडेंट्स जो हायर साइड पर थे उन्हें ग्रेस मार्क्स देकर पास किया गया है. पास स्टूडेंट्स की नयी लिस्ट बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गयी है.
अब ये है आकंड़ा –
बोर्ड के इस निर्णय के बाद पास स्टूडेंट्स का आंकड़ा कुछ इस प्रकार बदला है. इस साल इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 132486 उम्मीदवारों में से, एक विषय में 46005 कैंडिडेट्स और 86481 कैंडिडेट्स दो विषयों में फेल थे. जबकी दसवीं में कुल 208147 कैंडिडेट्स में से एक विषय में 108459 और दो विषयों में 99688, फेल हुए थे. ग्रेस मार्क्स के बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा में 72610 और उम्मीदवार (54.81%) पास हो गए हैं, जबकि 141677 और उम्मीदवार (68.07%) मैट्रिक में पास हो गए हैं.़